🖊️ लेखक: CryptoBuzz लेखक टीम | प्रकाशित: 21 जुलाई 2025 | समय: 10:00 AM
भारत अपनी रक्षा तकनीक को निरंतर विकसित कर रहा है और इस बार डीआरडीओ (DRDO) ने एक ऐसा हथियार तैयार किया है जो भारत की हवाई ताकत को पूरी दुनिया में सर्वोच्च स्थान दिला सकता है। इस हथियार का नाम है — ‘गांडीव’ मिसाइल, जिसे अस्त्र एमके-3 के नाम से भी जाना जाता है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसकी लंबी दूरी तक मारक क्षमता है, जो कि 340 किलोमीटर तक है। इसका प्रभावी परीक्षण जल्द ही शुरू होने वाला है और माना जा रहा है कि यह मिसाइल भारत के लिए हवाई युद्ध में एक गेमचेंजर साबित होगी।
‘गांडीव’ नाम महाभारत के महान धनुर्धर अर्जुन के धनुष से प्रेरित है। यह मिसाइल उसी तरह दुश्मन को निशाना बना कर मार गिराने की ताकत रखती है, जैसा कि अर्जुन ने अपने धनुष से युद्ध में किया था। यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद साथी है, जो युद्ध के समय भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
गांडीव मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी ‘नजर से दूर’ यानी बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मारक क्षमता। इसका मतलब है कि यह मिसाइल दुश्मन के विमान को अपनी नजर से बाहर होते हुए भी निशाना बना सकती है।
अगर इस मिसाइल को लगभग 20 किलोमीटर की ऊंचाई से लॉन्च किया जाए, तो यह 340 किलोमीटर दूर दुश्मन के टारगेट को तबाह कर सकती है। वहीं 8 किलोमीटर की ऊंचाई से लॉन्च करने पर यह 190 किलोमीटर तक दुश्मन पर वार कर सकती है।
गांडीव मिसाइल सिर्फ लड़ाकू विमानों को ही नहीं, बल्कि भारी बमवर्षक, मालवाहक विमान, हवाई ईंधन आपूर्ति करने वाले एयरक्राफ्ट और एअरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) जैसे उन्नत निगरानी विमान को भी प्रभावी रूप से निशाना बना सकती है। इससे भारत दुश्मन की हवाई ताकतों को नियंत्रित कर सकता है और हवाई क्षेत्र में दबदबा बना सकता है।
गांडीव मिसाइल में डुअल-फ्यूल डक्टेड रैमजेट इंजन लगा है, जो इसे तेज़ गति से उड़ाने में मदद करता है। इस इंजन के कारण मिसाइल लंबी दूरी तक बिना ज्यादा ईंधन खर्च किए उड़ सकती है। यह इंजन मिसाइल को विभिन्न ऊंचाइयों पर प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम बनाता है, जिससे यह हर प्रकार के मिशन के लिए उपयुक्त है।
गांडीव मिसाइल की मारक क्षमता चीन की PL-15 मिसाइल (300 किलोमीटर) और अमेरिका की AIM-174 BVRAAM (240 किलोमीटर) से बेहतर है। तकनीकी उन्नति के साथ-साथ यह मिसाइल भारत को उसकी क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और वैश्विक सुरक्षा मानचित्र पर अपनी स्थिति मजबूत करने में एक अहम सामरिक साधन के रूप में कार्य करती है। इस मिसाइल के आने से अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों को भी भारत की हवाई ताकत को हल्के में लेना मुश्किल होगा।
भारतीय वायुसेना के पायलट अब इस मिसाइल के सहारे विभिन्न युद्ध स्थितियों में दुश्मन को प्रभावी रूप से निशाना बना सकेंगे। यह मिसाइल भारतीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी और भविष्य के युद्धों में भारत को विजय दिलाने का एक महत्वपूर्ण हथियार बनेगी।
‘गांडीव’ या अस्त्र एमके-3 मिसाइल भारत की रक्षा क्षमताओं में एक बड़ा बदलाव लाने वाली है। इसकी लंबी मारक दूरी, आधुनिक इंजन तकनीक और बहुमुखी उपयोगिता इसे क्षेत्रीय श्रेष्ठता दिलाने में मदद करेगी। आने वाले समय में यह मिसाइल भारत को हवाई युद्ध में दबदबा बनाए रखने और दुश्मनों को भयभीत करने की ताकत देगी। भारत की इस सफलता से न केवल भारतीय वायुसेना बल्कि पूरे देश को गर्व होगा, क्योंकि अब हम तकनीकी और सामरिक रूप से और भी मजबूत हो रहे हैं।
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