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iPhone अब ‘Made in India’: ऐपल CEO टिम कुक का बड़ा बयान और ट्रंप की आलोचना

🖊️ लेखक: CryptoBuzz लेखक टीम | प्रकाशित: 4 अगस्त 2025 | समय: 10:00 AM

"iPhone
iPhone Manufacturing in India

🇮🇳 भारत में बने iPhone अब अमेरिका में: एक मील का पत्थर

ऐपल ने अपनी वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसका भारतीय टेक उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। कंपनी के CEO टिम कुक ने हाल ही में घोषणा की है कि अमेरिका में बिकने वाले ज़्यादातर नए iPhone अब भारत में बनाए जा रहे हैं। यह बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि वैश्विक निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।

🔥 ट्रंप की ‘डेड इकॉनमी’ टिप्पणी पर टिम कुक का करारा जवाब

यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में भारत को ‘डेड इकॉनमी’ कहकर उसकी आलोचना की थी। ट्रंप ने यहां तक कहा था कि टिम कुक को भारत में मैन्युफैक्चरिंग नहीं करनी चाहिए। लेकिन कुक ने अपने बयान से साफ कर दिया कि भारत में ऐपल का निवेश एक दीर्घकालिक रणनीति है और भारत की भूमिका अब ऐपल के भविष्य की नींव बन चुकी है। यह ट्रंप के बयानों पर कुक का एक स्पष्ट और प्रभावशाली जवाब है।

🌏 चीन अब गैर-अमेरिकी बाज़ारों पर केंद्रित: ‘चीन प्लस वन’ मॉडल

कुक ने बताया कि ऐपल की रणनीति अब “चीन प्लस वन” मॉडल पर आधारित है। जहां पहले चीन अमेरिकी बाज़ार के लिए प्राथमिक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र था, अब वह गैर-अमेरिकी बाज़ारों पर फोकस कर रहा है। भारत अब अमेरिका के लिए iPhone बनाने का मुख्य स्थान बन गया है, जबकि वियतनाम अब मैकबुक, iPad और ऐपल वॉच जैसी डिवाइसेज़ के लिए एक प्रमुख केंद्र है, जो अमेरिका की मांग को पूरा करते हैं।

📈 भारत के लिए ऐपल की दोहरी रणनीति: मैन्युफैक्चरिंग हब और बढ़ता बाज़ार

टिम कुक ने स्पष्ट किया कि भारत ऐपल के लिए सिर्फ एक निर्माण स्थल नहीं, बल्कि एक तेज़ी से बढ़ता बाज़ार भी है। कंपनी ने भारत में रिकॉर्ड राजस्व वृद्धि दर्ज की है, खासकर iPhone की बिक्री में डबल डिजिट ग्रोथ देखी गई है। भारत, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और ब्राज़ील जैसे बाज़ारों में ऐपल को लगातार दोहरे अंकों में वृद्धि मिल रही है। कुक ने यह भी बताया कि ऐपल भारत में अपने फिजिकल स्टोर्स का विस्तार करने जा रहा है, जिससे कंपनी की खुदरा उपस्थिति और मज़बूत होगी।

💰 अमेरिकी टैरिफ का वैश्विक प्रभाव और ऐपल पर लागत

टिम कुक ने खुलासा किया कि जून तिमाही में कंपनी को करीब $800 मिलियन का टैरिफ-संबंधित खर्च वहन करना पड़ा। अगर यही नीतियां बनी रहती हैं, तो सितंबर तिमाही में यह खर्च $1.1 बिलियन तक जा सकता है। ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा से कंपनियों में चिंता बढ़ी है, हालांकि स्मार्टफोन जैसी वस्तुएं फिलहाल इस सूची से बाहर हैं। यह वैश्विक व्यापार नीतियों के ऐपल जैसे बहुराष्ट्रीय निगमों पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है।

🧠 निष्कर्ष: ‘डेड इकॉनमी’ नहीं, भविष्य का वैश्विक निर्माण केंद्र है भारत

टिम कुक के बयान और भारत में ऐपल की बढ़ती उपस्थिति से यह साफ है कि भारत अब वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है। ट्रंप का भारत को ‘डेड इकॉनमी’ कहना केवल राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रह गया है। वास्तविकता यह है कि भारत अब न केवल निर्माण में अग्रणी हो रहा है, बल्कि ऐपल जैसे वैश्विक दिग्गजों का एक भरोसेमंद साझेदार भी बन चुका है, जो इसे भविष्य के वैश्विक निर्माण का नया केंद्र बनाता है।

❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. अमेरिका में बिकने वाले iPhone अब भारत में क्यों बन रहे हैं?
ऐपल अपनी वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग रणनीति को विविधता देने और “चीन प्लस वन” मॉडल अपनाने के तहत भारत को एक प्रमुख निर्माण केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है। इससे कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला अधिक लचीली बनेगी।

2. डोनाल्ड ट्रंप के ‘डेड इकॉनमी’ बयान का क्या मतलब था?
डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर यह टिप्पणी की थी, जिसका आशय था कि भारत आर्थिक रूप से कमजोर है। हालांकि, टिम कुक के बयान और भारत में ऐपल के निवेश से यह स्पष्ट होता है कि ऐपल भारत को एक महत्वपूर्ण और विकासशील बाजार मानता है।

3. “चीन प्लस वन” मॉडल क्या है?
“चीन प्लस वन” मॉडल एक व्यावसायिक रणनीति है जहां कंपनियां चीन पर अपनी अत्यधिक निर्भरता कम करने के लिए चीन के अलावा किसी अन्य देश में भी उत्पादन सुविधाओं का विकास करती हैं। ऐपल के मामले में, यह दूसरा देश भारत और वियतनाम हैं।

4. भारत में iPhone बनने से ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
भारत में उत्पादन बढ़ने से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भविष्य में, यह भारत में iPhone की उपलब्धता और कीमतों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे वे अधिक सुलभ हो सकते हैं।

5. क्या अमेरिकी टैरिफ का iPhone की कीमतों पर असर पड़ेगा?
वर्तमान में, स्मार्टफोन अमेरिकी टैरिफ सूची से बाहर हैं। हालांकि, टिम कुक ने बताया है कि टैरिफ से कंपनी को काफी खर्च उठाना पड़ रहा है, जो भविष्य में अप्रत्यक्ष रूप से कीमतों को प्रभावित कर सकता है यदि नीतियां बदलती हैं।

📌 डिस्क्लेमर: यह लेख स्वतंत्र रिसर्च और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को निष्पक्ष और अपडेटेड जानकारी देना है।

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