🖊️ लेखक: CryptoBuzz लेखक टीम | प्रकाशित: 16 जुलाई 2025 | समय: 8:00 AM
हाल ही में अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक पुरानी टेक्नोलॉजी फिर से चर्चा में आ गई है। यह है Boeing का रिमोट कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम, जिसे कंपनी ने 2006 में पेटेंट कराया था। क्या वास्तव में एयरक्राफ्ट को जमीन से नियंत्रित किया जा सकता है? क्या यह हादसे से जुड़ा हो सकता है?
साल 2003 में 9/11 हमलों के बाद, Boeing ने एक विशेष सिस्टम डिजाइन किया जिसका उद्देश्य अपहरण जैसी आपात स्थितियों में विमान को सुरक्षित रूप से नियंत्रित करना था। 2006 में इस सिस्टम को आधिकारिक रूप से पेटेंट कर लिया गया।
यह सिस्टम पायलट के नियंत्रण को ओवरराइड करके, विमान को एक अधिकृत ग्राउंड ऑपरेटर द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति देता है। यह ऑटोनॉमस लैंडिंग भी कर सकता है और किसी भी मैनुअल हस्तक्षेप को रोकता है।
Boeing अकेली कंपनी नहीं थी जो इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी। Honeywell, जो एक प्रमुख एवियॉनिक्स सप्लायर है, ने 2003 में एक ऑटोपायलट सिस्टम का पेटेंट दाखिल किया जिसे 2009 में स्वीकृति मिली। इसका उद्देश्य आपातकाल में कंट्रोल लेना था।
AIIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद Boeing-787 Dreamliner के दोनों इंजन फ्यूल कट-ऑफ मोड में चले गए, जिससे थ्रस्ट पूरी तरह खत्म हो गया और विमान क्रैश कर गया। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई।
कॉकपिट रिकॉर्डिंग में पायलट्स की बातचीत से स्पष्ट होता है कि दोनों हैरान थे: “तुमने कट ऑफ क्यों किया?” और उत्तर मिला, “मैंने नहीं किया।”
Boeing के पेटेंट डॉक्युमेंट के अनुसार, यह सिस्टम पायलट के नियंत्रण को पूरी तरह से ग्राउंड कंट्रोल सेंटर को ट्रांसफर कर सकता है। FAA, CIA, NORAD जैसी एजेंसियों को इसका अधिकृत कंट्रोल मिल सकता है। यह सिस्टम खुद से डिसीजन ले सकता है जैसे कि विमान को सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट पर लैंड करवाना।
अब तक Boeing या Honeywell ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार नहीं किया है कि यह रिमोट कंट्रोल सिस्टम किसी कमर्शियल विमान में लागू किया गया है। कोई एयरलाइन भी इसकी पुष्टि नहीं करती कि उनके फ्लीट में ऐसा कोई सिस्टम लगा हुआ है।
इसलिए AI-171 हादसे के मामले में भी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह किसी रिमोट सिस्टम की वजह से हुआ या नहीं। हालांकि, यह सवाल उठना लाज़मी है कि यदि टेक्नोलॉजी है, तो क्या इसका प्रयोग चुपचाप हो रहा है?
1. क्या Boeing ने वास्तव में रिमोट कंट्रोल सिस्टम का पेटेंट कराया है?
हाँ, 2003 में डिजाइन और 2006 में पेटेंट फाइल किया गया था, जो विमान को जमीन से नियंत्रित करने की अनुमति देता है।
2. क्या एयर इंडिया AI-171 क्रैश में इस सिस्टम का हाथ हो सकता है?
AAIB की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कॉकपिट रिकॉर्डिंग और इंजन कट ऑफ की टाइमिंग ने इस पर संदेह बढ़ा दिया है।
3. क्या यह टेक्नोलॉजी किसी भी विमान में लागू की गई है?
अब तक Boeing या किसी एयरलाइन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। यह सिस्टम प्रयोग में आया या नहीं, इसका कोई सार्वजनिक प्रमाण नहीं है।
4. क्या इस सिस्टम से सुरक्षा में इजाफा होगा?
सिद्धांत रूप में हाँ, अपहरण या आपातकाल में यह मदद कर सकता है, लेकिन अगर गलत हाथों में चला गया तो यह खुद एक खतरा भी बन सकता है।
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